Tuesday, June 2, 2020

पिण्डवाडा का परिचय



पिण्डवाडा राजस्थान के सिरोही जिले में एक पिण्डवाडा तहसील के नाम से जाना जाता है। यह देव नगरी हरी भरी अरावली पहाडीयो के मध्य स्थित देवनगरी में पावन देव भूमि तपोस्थली के नाम से सम्बोधित की जाने वाली यह भू-धरा जो कि ब्रह्माण्ड का ब्रह्मा स्वरूप कहा जाने वाला परम पावन स्थल है। पिण्डवाडा शास्त्रोत के अनुसार पिण्ड वारा के सहयोग से निर्मित हुआ है। पिण्ड का  शाब्दिक अर्थ है वह परम तत्व अर्थात् ब्रह्मत्व और वारा का आवरणए स्थल या भू-भाग से तालूक रखता है। पिण्डवाडा में शिल्प कला का के प्रभाव के कारण मार्बल फैक्ट्रीयां हस्त शिल्प कलाए अनेक शिक्षा विद्यालयए 10 किलोमीटर की दूरी पर जे.के. लक्ष्मी सीमेन्ट फैक्ट्रीए पिण्डवाडा से 2 किलोमीटर दूरी पर वोल्केम इण्डिया लिमिटेड फैक्ट्री व पिण्डवाडा से 7 किलोमीटर की दूरी पर बिनानी सीमेन्ट फैक्ट्री जो वर्तमान में अलट्राटेक नाम हैं तथा अनेक कुटीर उद्योग व्यापत है। पिण्डवाडा राजस्थान के सिरोही जिले में एक शहर है जो सिरोही जिले की पांच तहसीलो में से एक तहसील पिण्डवाडा है। पिण्डवाडा के चारो और मन्दिर ही मन्दिर है। पिण्डवाडा में प्राचीन विख्यात  मन्दिर पूर्व की ओर 3.4 किलोमीटर की दूरी पर श्री गोपश्वर महादेव का परम धाम स्थित है। उससे 4 किलोमीटर की दूरी पर श्री रामेश्वर महादेव का परम धाम स्थित है। पिण्डवाडा के दक्षिण दिशा में 7 किलोमीटर दूरी पर मार्कुण्डेश्वर महादेव का पवित्र धाम स्थित है। यहा पर सरस्वती माता भी बिराजमान है। मार्कुण्डेश्वर धाम से 2 किलोमीटर की दूरी पर बसन्तगढ में भटेश्वर महोदव का पवित्र धाम स्थित है। जहा ब्रह्माजी का आलौकिक अद्वितीय मन्दिर से करीब 12.15 किलोमीटर की दूरी पर नांदिया में में रिछेश्वर धाम का भव्य प्राचीन मन्दिर की पहाडियो के मध्य स्थित है लौटाना अभ्यारण की और एक किलोमीटर पर सरतानेश्वर महादेव का भव्य मन्दिर स्थित है सरतानेश्वर महादेव के उतर दिशा में लगभग 22 किलोमीटर मां भगवती जगदम्बिका आरासणामयी का भव्य मन्दिर बना हुआ है आरासणा अम्बाजी से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर बामण्डवाडजी का परम धाम है जहां वर्तमान में जैन समाज का भव्य जैन मन्दिर स्थापित है। कहां जाता है कि बामण्वाडजी वामन अवतार ब्रह्मदेव अवतार भगवान हरी के वशंज यहा तप अनुष्ठान किया करते थे अनुष्ठान के प्रभाव से देवाधिदेव दूधेश्वर महादेव का पवित्र स्थान हो गया। इसलिए पिण्डवाडा देव नगरी के नाम से जाना जाता है।

Introduction to Pindwara

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